आओ... आओ... आओ...
मनाये ‘अंतर्राष्ट्रीय
महिला दिवस’...
डाले सभी पोस्ट
बेनर के साथ
लिखे नारी
सम्मान पर लेख
और कविताये...
इनबॉक्स में
सभी महिला मित्रो
को दे
शुभकामनाये
घर की महिला को
छोड़कर...
नारी की महिमा
का कर बखान
सुबह से शाम
मन गया महिला
दिवस
और हो गई रात...
जहाँ एक और
महिला इंतजार
में होगी
तुम्हारी
गालियो की
चांटे की
और उन्ही चीजो
की
जिसको करके
पुरुष जताता
आया है
पुरषत्त्व सदा ही...
मर्द के दर्द
में पिसती हुई सी नारी
घर के अंदर भी
और....
घर के बाहर
भी..
पुरुष की थकान
के बाद
दारु की गंध
और पसीने की
बूँद से भीगी
नारी...
कह रही है
मुझसे तुमसे
और सबसे...
आओ....आओ ..आओ
और सब मिलकर मनाओ
‘अंतर्राष्ट्रीय
महिला दिवस’...!!!
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_________आपका अपना ‘अखिल जैन’________
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