उनके आने से...
मिलती है अनवरत खुशियाँ
खिल उठे जैसे कई कलियाँ
महक उठता है जैसे तन बदन
चहक उठती है साँसे
जैसे हो पक्छियों का मधुर गुंजन
ये प्यार ही तो है...
पर तुम कहोगे नहीं...
अब नहीं तो रहने दो.....
महक उठता है जैसे तन बदन
चहक उठती है साँसे
जैसे हो पक्छियों का मधुर गुंजन
ये प्यार ही तो है...
पर तुम कहोगे नहीं...
अब नहीं तो रहने दो.....
उनके आने से...
पा जाता हूँ सब कुछ
जैसे अम्बर अपना हो
देखता हूँ हर जगह तुम्ही को
सब कुछ सपना हो...
धरती जल नभ वायु सभी में
तुम ही तुम नजर आते हो
ये प्यार ही तो है
पर तुम कहोगे नहीं..
अब नहीं तो रहने दो.....
उनके आने से...
जिन्दगी भी गीत गाती है
हर पल तुम्हे ही बुलाती है
तुम जिन्दगी से प्यारे लगते हो
अब तो तुम भी कहोगे
शायद ये प्यार है.....
पर मै कहूँगा ये प्यार नहीं अब
बढ़कर है ये प्यार से भी
और जिन्दगी से भी
सच...!!!
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_________आपका अपना ‘अखिल जैन’_________
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