जिन्दगी के ही सफ़र में
है जटिल
पर प्यार किन्तु
शेष है सम्भावनायें
चाहे मुश्किल से
भरी हो
राह में अवरोध कितने
पंछियो को मिलता डेरा
चाहे राह में हो
विरोध कितने
ख्वाहिशो के आकाश में
जब तलक है
शेष
शुभकामनायें...
मत डरो और मत कहो
तुम
सिर्फ लक्ष्य पर
आँखे गढ़ाये
चट्टान कितनी ही बड़ी हो
रफ़्तार नदी की थम
न पाये
व्यर्थ....
सब अलोचनाये...!!!
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_________आपका अपना ‘अखिल जैन’_________
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_________आपका अपना ‘अखिल जैन’_________
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