तिरंगा...,
चंद मीटर टुकड़ा कपडे का
तीन रंग एक चक्र...
कहने को तो महज कपडा ही
पर !
समाया पूरा देश, हिंदुस्तान
सारे मजहब भाषाये और
हर इन्सान
शान से मान से और
पूरे अभिमान से...
सांस लेता है हो सुरक्षित
इस लहलहाते तिरंगे की
आड़ में ही...!!!
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_________आपका अपना ‘अखिल
जैन’_________
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