चारो और फरेब है धरती पर
इसलिए
ये प्रकृति का तांडव भी
धरती पर...
काँप गई ये धरती आज
दिए कुछ झटके से
चेतावनी ही शायद
फरेब के ठेकेदारो को
धरती पुत्र किसान
जब लटकेंगे पेड़ो पर
तो ये धरती कांपेगी रोयेगी
और हद के बढ़ने पर
मिला लेगी सृष्टि को
अपनी ही देह में
एक दिन...!!!
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_________आपका अपना ‘अखिल जैन’_________
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