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मंगलवार, 21 जुलाई 2015

कविता-२०९ : "यादें..."

तुम्हारे कहने पर
भूल जाऊंगा तुम्हे और
तुम्हारी हर बात को

गुजरे हुए बीते हुए उन
तमाम लम्हों को
जिसमे तुम मेरे साथ थी..

तुम्हारे दिए कई चुम्बनो के
निशान भले ही मिट गये है

तुम्हारे हर उपहार पर
भी लग गई वक्त की दीमक
पर
कुछ अमिट यादें
शेष है आज भी...

जो कहती है ,तुम आज भी
मेरे पास ही हो
और
रहोगे भी सदा…!!!
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_________आपका अपना ‘अखिल जैन’_________

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