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शुक्रवार, 31 जुलाई 2015

कविता-२१९ : "गुरु की महिमा..."

दिवस_____
जिसमे किया जाता बखान
गुरुओ का
गुरुओ की महिमा का
आचार्य द्रोण जैसे कई गुरुओ
की उपमाओं के साथ
शालाओ महा विद्ध्यालयो और
भी कई शिक्षण संस्थाओ में
सम्मान पुरस्कार
और भी कई कार्यक्रम
सिर्फ आज के ही दिन
गुरुओ की चरण वंदना और
गुरु महिमा  के साथ
बढ़ती हुई परंपरा
पर समय के बढ़ते हुए क्रम में
खोते आदर्श
संस्कार
गुरु का पद और गुरु धर्म
शायद_____
आधुनिक समाज में अंधी हो
चुकी संस्कृति ही
इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर
कालिख से अंकित होती
सभ्यता
धर्म गुरु आशाराम और भी
कई _______

क्या______
वाकई शेष रह जायेगा
महत्त्व इस दिवस का

ऐसे में______
 विचारणीय ???
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_________आपका अपना ‘अखिल जैन’_________

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