और चुप ही रहूँगा सदा....
जानता हूँ ,
बेबफा तुम, हमदम नहीं अब
साथ हो
बदले जो तुम अब
मेरे कहाँ हो
कल तक ही मेरे साथ थे
आते हो अब भी जताते हो अब भी
पर है हकीकत
सिर्फ दिखावा ही है वो
कहता नहीं मै
रहता हूँ चुप जो
क्योकि...
कुछ कहूँ तो तुमको शिकायत होगी...!!!
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_________आपका अपना ‘अखिल जैन’_________
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